ज़िंदगी है कसौटी
शायर की शायरी, लेखक की कलम, चित्रकार के रंग, समंदर की लहरें, पानी की बुँदें, मछली की आँखें, समंदर का मोती, रेगिस्तान की रेत, सूरज की धूप से तपती रेत, फूलों की खुशबू, फूलों पे भवरें, भवरों का गुँजन, गरजता बादल, बरसता पानी, चाँद की रोशनी, सूरज की गर्मी, पंछी का गीत, मेरा संगीत,
कान्हा की मुरली, राधा का प्रेम, मीरा का जीवन, समर्पण, सुदामा की दोस्ती, कान्हा का रास, गोपियों का आनंद, स्वर्ग का सुख,
सांँसो का चलना, सांँसो का रुकना, आँखों का नूर, भीगी हुई पलकें, लम्बी सी रातें, अधूरा सपना, चाँद का छुपना, लड़की का शरमाना, आशिक की आशिक़ी, ज़माने का डर, दोस्त की दोस्ती, दुश्मन की नज़र,
औरत की लाज, टीचर की मार, माँ का प्यार, माँ का आँचल, माँ की लॉरी, माँ की दुआ, बाबा की फटकार, बहन का रुढ़ना, भाई का चिढ़ाना, देवर की मस्ती, भाभी की हंसी, प्रेमिका का रुठना, बीवी का प्यार, चाय की चुस्की, साथ में गरम पकोड़े, बच्चे की मुस्कान, इम्तिहान का डर, गुजरा हुआ वक़्त, आनेवाला कल, दुल्हन की डोली, किसी और की अर्थी, किसी की ख़ुशी, किसी के आँसू, माँ-बाबा का आशीर्वाद, थोड़ा सा सुख, थोड़ा सा दुःख, थोड़ी हंसी, थोड़ी ख़ुशी, ज़िंदगी है कसौटी।
जिसे आप, मैं या कोई और बदल नहीं सकता,
तो दोस्तों, दुनिया में जो जैसा है, वैसा अच्छा ही तो है, जैसे कुदरत को हम बदल नहीं सकते, वैसे माँ- बाबा के प्यार और बलिदान को भी नहीं बदल सकते। तो हमें अपने माँ-बाबा के प्यार और बलिदान को और कुदरत को स्वीकार कर उनका मान-सम्मान करना चाहिए, अगर माँ-बाबा का आशीर्वाद लेकर हम कुदरत के नियमों के साथ कदम से कदम मिलाकर चले तो ज़िंदगी की हर कसौटी को हम आसानी से पार कर सकते हैं।
Bela...
https://www.instagram.com/bela.puniwala/
सुन्दर
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