कहानी घर घर की, कहानी हर घर की।

           यह कहानी सिर्फ़ आपके और मेरे घर की या सिर्फ़ और सिर्फ़ आपकी या मेरी नहीं, लेकिन यह कहानी शायद हर घर की है, जिस घर में लोग साथ मिलकर रहते है, एक दूसरे से प्यार करते है, एक दूसरे की परवाह करते है, जिस घर में माँ बाप का मान सम्मान होता है, उनकी कद्र की जाती है, उनका कहा माना जाता है, उनको प्यार दिया जाता है, उनको वक्त दिया जाता है, जिस घर में किसी एक की तकलीफ़ सब की तकलीफ़ बन जाती है, जिस घर में एक का दुःख सब के लिए दुःख और एक की खुशी में सब खुश हो जाते है, छोटी छोटी बात को दिल पर ना लगाते हुए जहाँ सब मिल जुलकर रहते है, जहाँ औरत का सम्मान होता है, जिस घर में बच्चों को प्यार दिया जाता है, वहीं तो घर कहलाता है, चाहे कितने भी दिन कहीं भी घूम फिर के आओ, मगर आखिर में जहाँ आकर हम को सुकून मिलता है वह घर ही तो है। 
         कहानी का रूप देकर मैंने हर एक के घर की कहानी लिखने का प्रयास किया है, कुछ खट्टी, कुछ मीठी, कुछ सच्ची, कुछ झूठी, कुछ देखी, कुछ अनदेखी, कभी प्यार तो कभी तकरार। ऐसी ही प्यारी सी कहानियाँ लेकर में आप सब के पास आ रही हूँ, उम्मीद है आप सब को मेरी यह कहानियाँ पसंद आएगी, क्योंकि इन में से ही कई कहानियाँ पढ़ने पर कई लोगों को लगे, की हाँ, सच ऐसा ऐसा तो हमारे घर में भी होता है, ऐसा तो हमारे साथ भी हुआ है क्योंकि इन कहानियों में से कई कहानियाँ सत्य घटना पर आधारित है। और शायद इन कहानियों में से ही कई लोगों को उनके सवाल के जवाब भी मिल जाए।

Bela...





   

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