छोड़ों पुरानी बातों को
नहीं बताया फिर क्या हुआ,
छोड़ों पुरानी बातों को,
जब से तुम को देखा,
आज फ़िर से ना जाने क्यों,
उठ रहे हैं दिल में तूफान,
आज फ़िर से एक आग सी,
उठ रही हैं इस दिल में,
आज फ़िर से जग रहे हैं,
सोए अरमान इस दिल में,
अब छोड़ो भी पुरानी बातों को,
कुछ तुमने कहा,
कुछ हम ने कहा,
भुला के सब शिकवे गिले,
हो जाते हैं हम फिर से एक,
ऐसे जैसे कभी जुड़ा ही ना थे,
अब छोड़ो भी पुरानी बातों को,
बातों में क्या रखा हैं,
किसने कहा,
क्यों कहा,
क्यों सोचे हम,
मेरी नज़र से देखो तो,
हर तरफ़ प्यार ही प्यार हैं,
क्या मेरा ?
और क्या तेरा ?
अब छोड़ो भी पुरानी बातों को,
समझ लो,
सामने आग का दरिया हैं,
प्यार की नैया में बैठ,
उस पार हम को जाना हैं।
नहीं बताया फ़िर क्या हुआ,
अब छोड़ों भी पुरानी बातों को।
Bela...
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