तड़प

                          तड़प

         प्रिया आज बहुत महीनों बाद अपनी सहेली रेखा से मिलने उसके घर आई थी, इतफाक से आज रेखा के पति दो दिन के लिए शहर से कहीं दूर ऑफिस के काम से गए हुए थे, यूँ तो दोनों में फोन पर और वीडियो कॉल पर बातें होती ही रहती थी, दोनों एक एक दूसरे के लिए खुली किताब थे, जो दोनों के हसबैंड को भी नहीं पता था। प्रिया को अपने घर अचानक से देखकर रेखा की खुशी का ठिकाना ही ना रहा, दोनों पूरा दिन साथ में घूमे, खाना खाया, फिर भी प्रिया का मन नहीं भरा, उसे कभी कबार थोड़े नशे की आदत थी, तो उसने आज नशा किया, मतलब बातों बातों में दो बॉटल बियर पी ली, फिर दोनों साथ में बिस्तर पर सोते सोते अपने मन की बात करने लगे, बातों हो बातों में प्रिया का दिल भर आया, उसने अपनी सहेली रेखा को गले लगा लिया, उसे प्यार करने लगी, उसका चेहरा चूमने लगी, उसके बाद प्रिया ने रेखा को होठों पर किस किया, रेखा भी जैसे धीरे धीरे उसके करीब आती गई, दोनों एकदुसरे को प्यार करने लगे, कुछ देर तक दोनों को होश ही नहीं था, कि वह दोनों क्या कर रहे है, यह प्यार है, जो किया नही जाता, हो जाता है। शादी के बाद अपने पति से जोमान, सम्मान,  प्यार दोनों को नही मिला, वह अपनापन वह प्यार दोनों ने आज एकदुसरे के करीब आकर पाया। उस वक्त क्या गलत, और क्या सही, यह सोचने का वक्त ही नही मिला। पूरी रात बस एकदुसरे को प्यार करते रहे, आंखों से खुशी के आंसु बहते रहे।         
         मगर दूसरे दिन सुबह रेखा का मन इस बात के लिए बहुत परेशान था, वह सोच रही थी, कि दोनोंने कल रात को जो भी किया गलत किया, अपने पति को धोखा दिया। प्रिया खुद भी परेशान थी, कि ये क्या हो गया, और कैसे हो गया ? दोनों जैसे एक दूसरे से नज़र नही मिला पा रहे थे।
        तो दोस्तों, अब आप ही बताइए, कि कल रात को प्रिया और रेखा के बीच जो भी हुआ, वह गलत था या सही ? वह प्यार था, अपनापन था, या कुछ और? मुझे आपके जवाब का इंतजार रहेगा।

स्वरचित
तड़प
Bela...



              

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