#पोस्ट ऑफ़ द डे
#शब्दसिंधु
बस अब बहुत हुआ
बस अब बहुत हुआ, सब की सुनते जाना,
बस अब बहुत हुआ, सब की परवाह करना,
बस अब बहुत हुआ, सब के बारे में सोचना,
बस अब बहुत हुआ, सब को मनाते रहना,
बस अब बहुत हुआ, छोटी चीज़ के लिए हाथ फ़ैलाना,
बस अब बहुत हुआ, किसी और की गलती खुद पर लेना,
बस अब बहुत हुआ, हर छोटी बात पर आँसू बहाना,
बस अब बहुत हुआ, अपने हिस्से की रोटी सब को देना,
बस अब बहुत हुआ, छोटी सी गलती पर शर्मिंदा होना,
बस अब बहुत हुआ, किसी और के सहारे जीना,
बस अब बहुत हुआ, अपना आत्मसम्मान खोना,
बस अब बहुत हुआ, चुप रहना,
बस अब अपने लिए भी कुछ पल जी लेते हैं,
बस अब बहुत हुआ, अब बहुत हुआ...
स्व-रचित
Bela...
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