KAL HO NAA HO

                                 कल हो ना हो 

ज़िंदगी के पहले सफर में जिस से प्यार किया, 

उसने प्यार के बदले धोख़ा दिया, 

ज़िंदगी के दूसरे सफर में जिस से शादी की,

उसने बीच मँझधार में साथ छोड़ दिया,

ज़िंदगी के सफर में फिर से अकेले रह गए, 

सारी उम्मीदें, सपने, खवाहिशें छोड़ आए पीछे, 

तब फिर से एक उम्मीद की किरण जगी, 

बरसों बाद फिर से कोई अपना सा लगा,

दिल में फिर से कुछ ख्वाहिशें जगी, 

ना चाहने पर भी आँखें नए सपने बुनने लगी,

तब इस दिल ने कहा, चल ए दिल ऐ नादान,  

एक बार फिर से जी लेते हैं, प्यार कर लेते हैं,

किसी पराए को फिर से अपना बना लेते है, 

कल फिर से ऐसा हमदम हो या ना हो, 

कल फिर से ये मौसम, ये आलम,

ये ज़िंदगी कल हो ना हो, 

चल ऐ ज़िंदगी,

तुझे फिर से एक मौका दे देते है,

की कल हम रहे ना रहे, 

कल हो ना हो... 

स्व-रचित 

#कल हो ना हो 

Bela... 


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