SHAYARI

                     शायरी 
तुम कभी कुछ कहते नहीं हो,
मगर में सब कुछ समझता हूँ,
तुम्हारी ख़ामोशी, 
जो कुछ ना कह कर भी, 
सब कुछ कह जाती है मुझे, 
तुम्हारी ये उदासी,
जो तुम्हारे दिल का हाल,
सुना जाती है मुझे, 
तुम्हारे दिल का खालीपन, 
जो मै हर पल महसूस करता हुँ, 
तुम चाहकर भी मुझ से कभी,
कुछ छूपा नहीं पाओगे, क्योंकि 
मैं तुझ में ही कहीं छूपा हुँ। 

Bela... 


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