कविता ( तेरे आस-पास )
मैं हर पल तेरे पास हूँ,
तेरे आस-पास हूँ,
जिसे ना चाहते हुए भी,
अपने आस-पास महसूस करोगी और
जिसे ना चाहते हुए भी तुम,
रोज़ अपने खवाबों में पाओगी और
जिसे चाह कर भी,
तुम कभी भुला ना पाओगी,
वो अनदेखा सा एक खवाब हुँ मैं,
मैं हर पल तेरे पास हूँ,
तेरे आस-पास हूँ...
स्व-रचित
Bela...
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