KAVITA ( TERE AAS PAAS )

 कविता ( तेरे आस-पास ) 

मैं हर पल तेरे पास हूँ,

तेरे आस-पास हूँ,

बारिश की बूंँदो में हूँ, 

सूरज की किरणों में हूँ,

चाँद की रोशनी में हूँ,

बहती हवाओं में लिपटा हुआ सा, 

मैं कभी गुज़र जाऊंँगा, 

तुम को छू के, 

तुम्हें पता भी ना चले इसतरह,

तुम्हारी रूह में समां जाऊँ, 

मैं दिखूँ या ना दिखूँ,

मगर जिसे हर पल तू अपने,

आस-पास महसूस करोगी, 

वो अनदेखा सा एक ख़्वाब हूँ मैं,

मैं हर पल तेरे पास हूँ, 

तेरे आस-पास हूँ । 

स्व-रचित 

Bela... 



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