दो इंसान
मेरी यह कहानी लिखते लिखते मुझे एक और बात ख्याल में आई, कि दो इंसान या कहूँ तो पति-पत्नी, दोनों की सोच अलग, दोनों के ज़िंदगी जीने का तरीका अलग, दोनों की पसंद-नापसंद अलग, दोनों के ज़िंदगी जीने के मायने अलग, फ़िर भी एक ही छत के नीचे एक साथ जी रहे हैं, कितनी अजीब बात हैं, ना !
Bela...
Comments
Post a Comment