LUCKY BOY
बधाई हो, बधाई हो, लड़का हुआ है।
जिस दिन मैं पैदा हुआ,
उसी दिन, पापा का प्रमोशन,
इसलिए मैं हुआ लकी,
लड्डू बातें थे,
पापा ने, सारे महोल्ले में,
लोग मुझे देखने आते,
कोई मेरे गाल खींचे, कोई मेरे बाल खींचे,
कोई मेरी चुम्मी लेता,
तब मुझे, बड़ा गुस्सा आ जाता,
मैं भी बड़ा शैतान था, चुम्मी अगर कोई लेता मेरी,
सुसु उस पे कर देता,
मैं क्या कोई खिलौना हूँ ?
जो चाबी लगा के,
मुझ को हसाते थे ?
माँ मेरी बड़ी प्यारी,
सब से ज़्यादा प्यार,
मुझ से वो करती,
पापा की, मार से बचाती,
पापा से, चुपके से पैसा मुझे देती,
पापा से, चुपके से आइस-क्रीम खिलाती,
पापा मेरे ग़ुस्सेवाले किसी की ना सुनते,
अपने मन की वो करते, सच तो है,
माँ के आगे पापा की, एक भी ना चलती,
अब मैं थोड़ा ओर, बड़ा हो गया,
पहली बार माँ ने,
मुझे स्कूल छोड़ा, स्कूल जाके इतना,
मैं तो रोया, २ घंटे में टीचर ने,
मुझे घर छोड़ा, तब माँ ने मुझे दी,
प्यार भरी झप्पी, माँ मेरी प्यारी,
मुझे जान से भी प्यारी,
लेकिन स्कूल तो जाना था, बड़ा बन जाना था,
अक्कल का मैं थोड़ा कच्चा,
इसलिए सब कहते नालायक तू,
कामचोर है तू,
लेकिन मैं तो हूँ, माँ का दुलारा,
माँ मेरी प्यारी, मुझे सब से बचाती,
इसलिए मैं हूँ बड़ा लकी,
टीचर ने मुझ को मारा,
दोस्तों ने चिढ़ाया, पापा ने धमकाया,
भैया ने सताया, माँ ने मुझे समझाया,
पढाई में मन मेरा, लगता नहीं था,
दोस्तों से, मस्ती करता रहता,
रातो को, नींद मुझे आती नहीं,
रातों को, तारे गीनते रहना,
बस यही मेरा काम,
सुबह को जल्दी उठता नहीं,
स्कूल बस मेरी रोज़ छूट जाती,
मम्मी मेरी रोज़ पापा को मनाती,
गुस्से में पापा मुझे, स्कूल छोड़ जाते,
सीढ़ियों से गिरता, साइकिल से गिरता,
चौट मुझे लगती, माँ मेरी रोती,
मुझ को मनाती, दवाई पिलाती,
वीडियो गेम खेलता, पॉपकॉर्न खाता,
इसलिए मैं हूँ बड़ा लकी,
माँ मेरी प्यारी, मुझे जान से भी प्यारी,
अब मैं थोडा बड़ा हो गया हूँ,
छोटा मत समझो, बड़ा हो गया मैं,
अपने मन का मैं राजा, मेरी जो मर्ज़ी,
वही मैं करता, ना किसी की सुनता,
ना किसी को कहता, जब चाहे सोता, जब चाहे उठता,
जब चाहे खाता, जब चाहे नहाता,
कोई मुझे रोके नहीं, कोई मुझे टोके नहीं,
इसलिए मैं हूँ बड़ा लकी,
माँ मेरी प्यारी, मुझे जान से भी प्यारी,
किताबो से मैं दूर भागता,
स्कूल जाता मस्ती करने,
history से मुझे क्या लेना-देना,
राजा की कहानी, मेरे किस काम की,
पुराने खंडेरो का, क्या मैं अचार बनाता ?
maths मेरे पल्ले नहीं पड़ती,
गिनती से मैं दूर भागता,
science का मैं स्टूडेंट नहीं,
eco पढ़के मुझे क्या फ़ायदा ?
english मेरी थोड़ी कच्ची, बातें मेरी सच्ची,
जैसे-तैसे कर के बोर्ड पास कर लिया,
इसलिए मैं हूँ बड़ा लकी,
माँ मेरी प्यारी, मुझे जान से भी प्यारी,
कॉलेज गया तो,
लड़की मुझ पे मरती, लगता मैं हीरो,
बन-ठन के जब बाइक पे जो जाता,
सब मुझे देखते, सीनियर मुझ से जलते,
जूनियर सारे मुझ पे फ़िदा,
कैंटीन पे मेरा अड्डा,
फर्स्ट बेंच पे कभी बैठा नहीं,
लास्ट बेंच पे सोता रहता,
कॉलेज में टीचर ने क्लास से निकाला,
गर्लफ्रेंड से नोट्स लिखवाया,
इसलिए मैं हूँ बड़ा लकी,
किसी ने लिया अगर, मुझ से पन्गा,
उसकी बजा देता मैं पुंगी,
अपनी पहचान है, बड़े से बड़ी,
सब मेरे आगे, सिर को झुकाते,
मैं जो बोलू, वैसा वो करते,
अपनी पहचान ऐसी, अपनी कुछ बात ऐसी,
लोग क्या सोचते है ? सब जानता हूँ मैं,
मुझे क्या करना है ?
मुझ को पता है, डरता नहीं कभी, मैं दुनिया से,
मगर पापा की आँखें, आज भी मुझ को डराती,
पापा से पहले मैं मम्मी को मनाता,
मम्मी मेरी हर बात सुनती,
इसलिए मैं हूँ बड़ा लकी।
कॉलेज मैं एक लड़की आई,
मेरे दिल की घंटी बजी,
काश ! ये लड़की मुझे मिल जाए,
मरता था उस पे, खवाब उसके देखता,
एक दिन मैंने I LOVE YOU बोला,
वो कुछ ऐसी शरमाई, बात मेरी बन गई,
माँ को मनाया, पापा को मनाया,
शादी मेरी हो गई, किस्मत से,
लड़की के पापा बड़े अमिर थे,
उनका सारा बिज़नेस मुझे मिल गया,
अब मैं आराम से, ऑफिस में रहूँगा,
बॉस बन के, सब पे हुकुम करूँगा,
ये ला, वो ला, साला !
अपनी तो लाइफ बन गई,
बड़ा सा बंगला, लम्बी सी गाड़ी,
प्यारी सी बीवी, साथ में साली,
आधी घरवाली,
ज़िंदगी रंगीन है, ना कोई टेन्शन है,
मेरे जैसी किस्मत, किस की होगी ?
इसलिए कहता
मैं हूँ बड़ा लकी, मैं हूँ बड़ा लकी।
Bela...
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