कोशिश
कोशिश की थी हमने, उनसे नफरत करने की, मगर क्या करें कि प्यार हमने उनसे इस कदर किया, कि उनकी बेवफाई भी हमें उनसे दूर कर ना पाई।
कोशिश की थी हमने, उनको भूल जाने की, मगर क्या करें कि उनका चेहरा आज भी हमारी आँखों से दूर होता नहीं और उनकी वो बातें जो दिल को छू जाती थी, कैसे उसे भूल जाए ?
कोशिश की थी हमने, उनको प्यार से भी ज़्यादा प्यार देने की, मगर क्या करें कि हमारा प्यार उन्हें रास नहीं आया।
कोशिश की थी हमने, उनके ढाँचे में ढलने की मगर क्या करें कि, उनको हमारी सादगी पसंद ना आई।
कोशिश की थी हमने, उनको अपने पल्लू से बांध के रखने की, मगर क्या करें कि जब उनको हमारे पल्लू से ज़्यादा मिनी स्कर्ट पसंद आ गया।
कोशिश की थी हमने, सपनों को सच करने की मगर क्या करें जब, हमारे सपनों का आशियाना ही उन्होंने तोड़ दिया।
कोशिश की थी हमने रिश्तों को जोड़े रखने की, मगर क्या करें कि उनको रिश्तों से ज़्यादा पैसो से प्यार था।
कोशिश की थी हमने, उनको छोड़ देने की मगर क्या करें कि हमारे संस्कार ही कुछ ऐसे हैं, कि हम चाहकर भी उनको छोड़ नहीं सकते।
कोशिश की थी हमने उनको वापस लाने की, मगर क्या करें कि उनको हम से ज़्यादा वह नखरेवाली पसंद आ गई।
हमारी जगह कोई दूसरा होता, तो कब का उनको बेवफा कहकर छोड़ दिया होता।
बस अब उसी दिन के इंतज़ार में आज भी रोज़ घर के आँगन में उम्मीद का दीपक जला के उनका इंतज़ार करते हैं, जिस दिन वह लौट के आएँगे।
Bela...
Comments
Post a Comment