शायरी
जो किस्मत में नहीं, उसे क्यों ज़िंदगी बार-बार सामने लाके खड़ा कर देती है ? जिसे हम भूलाना तो चाहते है मगर भूल नहीं पाते, दिल से निकालना तो चाहते है, मगर निकाल नहीं पाते।
Bela...
शायरी
जो किस्मत में नहीं, उसे क्यों ज़िंदगी बार-बार सामने लाके खड़ा कर देती है ? जिसे हम भूलाना तो चाहते है मगर भूल नहीं पाते, दिल से निकालना तो चाहते है, मगर निकाल नहीं पाते।
Bela...
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