शायरी
हाथों की लकीरों में अगर तू नहीं,
तो हाथों की लकीर बदल दूँ,
तकदीर में अगर तू नहीं,
तो अपनी तकदी़र भी बदल दूँ,
मगर
तू किसी और की हो जाए,
ये मैं होने नहीं दूँगा,
तेरे लिए ज़माने से तो क्या,
उस रब से भी लड़ जाऊँ।
Bela...
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