पापा
जो एक पर्वत है, कभी ना डगमगाने वाला,
हमारी बीमारी में हमारा दर्द देख जो रोते हैं मगर जिसके
आँसू कभी हमें दिखाई नहीं देते,
जो खुद पूरा दिन धूप में रहकर हमें छाँव देते हैं
चाहे कितने भी थके हुए हो, उनको कभी चैन से सोता नहीं देखा,
कभी-कभी उनकी ख़ामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है,
हम जब आराम से सो रहे थे, तब पापा ओवरटाइम नाईट ड्यूटी करते, क्योंकि कल कॉलेज की फीस देने का आखरी दिन था,
कभी-कभी जिनके उसूलों पे चलना हमें मुश्किल लगता था, आज वही उसूल हम अपने बच्चों को सिखा रहे हैं,
जो हमारे हर सवाल का जवाब है,
जो ऊपर से पत्थर जैसे सख़्त और अंदर से मोम जैसे नरम होते हैं,
जो घर में प्यार तो सबसे करते हैं मगर कभी जताते नहीं,
कभी गुस्से में या कभी प्यार से उन्होंने जो भी सिखाया, ऐसा और कोई सिखा नहीं सकता, वो सिर्फ पापा ही कर सकते हैं,
हमारी बिदाई के वक़्त जिसने ख़ुशी-ख़ुशी आशीर्वाद देके हमें बिदा किया, वही रात को हमारे जाने के बाद रोज़ हमें याद करके चुपके से रोया करते हैं,
जैसे हम गूगल सर्च कर के बिना किसी असमंजस के कहीं भी जा सकते हैं, वैसे ही पापा की ऊँगली थाम कहीं भी जा सकते हैं,
ज़िंदगी जीने के लिए पापा की दौलत नहीं, बल्कि उनका आशीर्वाद ही काफी है,
माँ के बिना अगर पूरा घर बिखर जाता है, तो पापा के बिना पूरी ज़िंदगी बिखर जाती है,
जो हमारी खैरियत के लिए मंदिर जाके चुपके से मन्नतें भी माँगा करते हैं,
हमारे सोने के बाद जो चुपके से हमारे सिर पे हाथ फेर हमारा सिर प्यार से चूमा करते हैं,
माँ एक खुली किताब है, तो पापा एक बंद किताब है, जिसे चाहने पर भी हम कभी पढ़ नहीं सकते,
काश, वो वक़्त, वो लम्हें जो उनके साथ गुज़ारे थे, एक बार फ़िर से वापस आ जाए, तो उन्हें इस जीवन के लिए और उन सब बातों के लिए धन्यवाद कहना है, जिसकी वजह से आज हम सुखी और खुश हैं जो उनके जीते जी हम उन्हें कह ना पाए। एक बार फिर से उनकी गोदी में सिर रखकर रोते हुए, हर उस पल के लिए शुक्रिया अदा करना है, जो उन्होंने हम को दिया है,
उनकी वो सीख देती हुई बातें जो कभी नहीं ख़त्म होती थी और अब जो मैं कभी नहीं भूलूँगी,
हमारी तरफ़ उनके जो ढेर सारे आशीर्वाद देते हुए हाथ उन्हें मैं कभी नहीं भूल पाऊँगी, जैसे उनके आशीर्वाद के साथ वह हर पल, हर दिन हमारे साथ है,
इस जन्म में नहीं बल्कि हर जन्म में आप ही हमारे पापा बनके आओगे, बस यही गुज़ारिश है मेरी उपरवाले से।
वो हैं मेरे पापा, जिसके बारे में जितना भी लिखे या कहे कम ही है।
Bela...
https://belablogs2021.blogspot.com/2021/11/blog-post_24.html
https://www.instagram.com/bela.puniwala/
Comments
Post a Comment