डर भाग-10
तो दोस्तों, अब तक आप सब ने पढ़ा, कि माया और शबाना के साथ क्या और कैसे हुआ और माया अपने घर आ पहुँची, मगर कैसे ? और किसके साथ ? ये अभी अजय को नहीं पता और उस तरफ़ शबाना ने अस्पताल में ही अपना दम तोड़ दिया। अब आगे...
( अस्पताल से अजय सीधा सब से पहले फ़िर से अपनी बहन माया को देखने अपने घर जाता है, शबाना को इस हाल में देख़ अजय को बार-बार यहीं ख़याल आ रहा था, कि कहीं माया के साथ भी तो ऐसा कुछ नहीं हुआ है ? क्योंकि वो दोनों साथ में ही ज़्यादातर रहते थे, तो फ़िर माया घर के दरवाज़े तक कैसे आ गई ? और शबाना वहांँ बिच रास्ते में कैसे ? अजय की समज में कुछ नहीं आ रहा था ? वो लगातार सोच में ही था।
घर जाके अजय सीधा माया के कमरे में जाता है, उसे गौर से देखता है, अभी भी माया होश में नहीं आई। उसके शरीर पे भी मार के निशान दिखाई दे रहे थे, अजय ने नर्स को माया का अच्छे से अच्छी तरह ख्याल ऱखने को कहा। फ़िर अजय अपने ऑफिस चला जाता है।
अजय इस केस के बारे में जाँच पड़ताल शुरू कर देता है। पहले अजयने शबाना और माया के सभी दोस्तों को, जिसे वो जनता था, एक-एक कर के अपने ऑफिस बुलाके सब से पूछा, की कल रात पार्टी में कौन-कौन था ? और आप में से किसी ने भी कुछ भी देखा हो या इस के बारे में कुछ भी पता हो तो बता दे। मगर बड़े ताजुब की बात ये है, कि माया और शबाना के बारे में किसी को कुछ नहीं पता और किसी ने कुछ देखा भी नहीं। सब यही कह रहे थे, की दोनों साथ मिलकर पहले तो ड्रिंक कर रहे थे, उसके थोड़ी देर बाद दोनों कहाँ चले गए ? हमको पता नहीं। हमें लगा की दोनों घर चले गए होंगे, क्योंकि ज़्यादातर दोनों साथ में ही रहते थे।
अजय को उनकी बातों से लगा, कि सब पहले से प्लान किया हुआ लगता है, वार्ना किसी ने कुछ भी देखा ना हो, ये तो कैसे हो सकता है ?
अजय को अब भी चैन नहीं पड़ रहा था। इन सब के बावजूद भी अजय काम के बिच-बिच में लगातार घर पे फ़ोन लगाकर नर्स से पूछ लेता है, कि माया कैसी है ? उसे होश आया की नहीं ? उसका अच्छे से ख्याल रखना, मैं जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी घर आ जाऊँगा।
नर्स : जी माया को होश तो आया था, मगर वह होश में आते ही सिर्फ बचा लो, बचा लो !!! शबाना, शबाना कर के चिल्ला रही थी, इसलिए मैंने माया को इंजेक्शन लगाकर सुला दिया है। आप फ़िक्र मत कीजिए, सब ठीक हो जाएंँगा। में उसका ख्याल रख रही हूँ।
( अजय के दिल को दो पल आराम मिला, माया को होश तो आया, चाहे जैसी भी हो माया ठीक तो है।
अजय ऑफिस से सीधा उस हॉटेल जाता है, जहाँ कल रात कॉलेज की पार्टी हुई थी, वहांँ भी अजयने अपने तरीके से जाँच पड़ताल शुर कर दी, मगर कुछ हाथ ना लगा। थोडी देर में अजय पे पुलिस का फ़ोन आता है। )
पुलिस : अजय जी, अभी अभी पता चला है, कि हाई वे पे जा रही एक ट्रक के साथ एक कार का एक्सीडेंट हुआ है, जिस कार का एक्सीडेंट हुआ है, उस में 5 जवान लड़के थे, जो शायद नशा कर के कार चला रहे थे, वो पांचो के पांचो लड़के मर गए है। हमें लगता है, कि ये पांच लड़के वहीं है, जिसने कल रात शराब के नशे में शबाना के साथ.... क्या आप अभी अस्पताल आ सकते है ?
( पहले तो अजय पुलिस की बात सुन अवाक् रह जाता है। फिर उसके दिमाग़ में सारी बात क्लियर होने लगती है। की क्या हुआ होगा। )
अजय : जी हाँ, मैं अभी आता हूँ। ( कहते हुए अजय होटल से निकलने ही वाला था, की उसे अचानक याद आया, कि cctv में शायद कुछ ना कुछ ज़रूर होगा। ये सोच अजय ने मैनेजर से cctv footage खोल के दिखाने को कहा। मगर मैनेजर ने कहा, कि cctv दो दिन पहले ही ख़राब हो गया था, अभी नया लगाना है। ये सुन अजय उस मैनेजर पे भी बहुत गुस्सा हो जाता है।
अजय : आप लोग इतने गैर ज़िम्मेदार कैसे हो सकते हो ? कल रात आप के यहाँ इतना कुछ हो गया और किसी को कुछ पता ही नहीं और किसी ने कुछ देखा भी नहीं ?
( अजय दोनों हाथों से उस मैनेजर का शर्ट खींच के अपनी और लेते हुए, गुस्से से कहता है )
अजय : कहीं आप लोग भी तो इस साजिश में शामिल तो नहीं ? अगर मुझे ऐसा पता चला तो याद रखना, मैं आप में से किसी को नहीं छोड़ूँगा। आप सब भी गुनेगार कहलाएँगे और आप सब को जेल के चक्कर लगाने होंगे।
( आसपास के लोग मैनेजर को अजय से छुड़ाते है।)
मैनेजर : हम ने कुछ भी नहीं किया सर, आप गुस्से में हम पे यूँ इलज़ाम नहीं लगा सकते, अगर पकड़ना है, तो असली गुनेगार को ढूँढ़िए, जिसने ऐसा किया हैये जरूरी नहीं, कि कल रात वाला हादसा हमारी होटल में ही हुआ हो, कहीं बाहर भी तो हो सकता है, शायद लड़के और लड़कियाँ साथ में बाहर गए हो, फिर कुछ... ( मैनेजर ने बात रोक ली और कहा ) हम पे गुस्सा होने से आप को कुछ नहीं मिलेगा।
( असली गुनेगार सुनते ही अजय को याद आया की पुलिस ने उसे अस्पताल बुलाया है। वो लड़के शायद वहीं होंगे। अपने आप को सँभालते हुए अजय मैनेजर से सॉरी कहकर वहांँ से निकल जाता है। अस्पताल पहुंँचकर उसे पता चलता है, की वो 5 लड़के उसी कॉलेज में पढ़ते थे, जहाँ शबाना और माया पढ़ती थी और सब ने बताया की ये लड़के सबको कॉलेज में परेशान किया करते थे और कल रात पार्टी में कुछ देर के बाद ये सब भी कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे। तभी एक नर्स ने आकर एक लोकिट, चैन और किसी शर्ट का फटा टुकड़ा, अजय को देते हुए कहा,
नर्स : ये शबान की मुठ्ठी में बंद मिला था, जब वो अस्पताल आई थी। मैंने संभालकर इसे थैली में रख दिया था, लेकिन उस वक़्त देना भूल गई थी। शायद ये सबूत के तौर पे आप के कुछ काम आ जाए।
अजय : ( थैली को अपने हाथ में लेते हुए )
जी बहुत बहुत शुक्रिया।
( उन लड़को के माँ- बाप को भी वहीं बुलाया गया, उन्होंने कहाँ, कि ये लोकिट और चैन उनके बच्चों के ही है और वो भी कल रात उसी होटल में पार्टी में गए थे, उसके बाद घर वापिस नहीं आऐ और उन्हें कभी-कभी नशा करने की आदत भी थी, हमारे लाख समजाने पर भी उनहोंने नशा करना नहीं छोड़ा था, उन सब की समज में भी कुछ नहीं आ रहा था और वो सब भी रो रहे थे।
( अब सारी बात सामने आ गई, कि इन 5 लड़कों ने मिल के ही शबाना और माया के साथ बदतमीज़ी की होगी। मगर अब सजा किस को दे ? जब ऊपर वाले ने ही सब से बड़ी सजा सब को सुना दी। आख़िर बुराई का अंजाम बुरा ही होता है। इस में कोई शक नहीं और उपरवाले के न्याय के आगे हमें कुछ करने की ज़रूरत भी नहीं। )
( ऑफिस में फ़ोन की घंटी बजते ही अजय होश में आता है, उसे अब भी ऐसा ही लग रहा था, जैसे ये कल की ही बात हो। अजय के अंदर का तूफ़ान अब तक शांत नहीं हुआ था। उस के अंदर अब भी कई सवाल चल रहे थे,
जैसे " क्या वो लड़के वहीं लड़के थे, या कोई और होंगे ? माया घर के दरवाज़े तक कैसे आई और घर की डोरबेल किसने बजाई होगी ? जबकि उस वक़्त माया बेहोश थी। शबाना को बिच रास्ते में किसने छोड़ा और किस ने शबाना के घर पे फ़ोन कर के बताया, की वो रास्ते में बेहोश पड़ी हुई है। अजय को जब तक इन सारे सवाल के जवाब नहीं मिलेंगे, तब तक अजय नाहीं आराम से बैठनेवालों में से है और नाहीं उसे चैन मिलेगा।
तो दोस्तों, क्या आप में से कोई अजय के सवाल के जवाब दे सकता है ? प्लीज जवाब दीजिए। हमें आप के जवाब का इंतज़ार रहेगा। तब तक के लिए
अगला भाग क्रमशः ।।
Bela...
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