TUJH SANG

                          तुझ संग 

           आज हमारी शादी की सालगिरह है और आज भी आप अपने काम से बाहर हो। मगर कोई बात नहीं, जो दिल के करीब होते है, वहीं अगर नज़रों से दूर हो, तब भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता। 

आज भी मुझे याद है, आप के साथ ही हमारी ज़िन्दगी का सफ़र शुरू हुआ और तब से लेके आज तक मेरी  ज़िंदगी के सफ़र की मंज़िल भी बस आप ही हो। हमारी ज़िंदगी आप से शुरू होके आप पे ही ख़तम होती है । आप के साथ चलते-चलते ज़िन्दी का सफ़र इतना आसान हो जाएगा, सोचा ना था।

आज भी मुझे याद है, हमारी ज़िंदगी के इस सफ़र में, हम मिले, बिछड़े, लड़े, झगड़े, कभी गुस्सा, कभी प्यार, कभी इनकार, कभी इकरार, कभी एक दूसरे से रूढ़ जाना, तो कभी एक दूसरे की याद में पूरी रात  आँसू  बहाना, कभी रुठ के मुँह बनाना, तो कभी प्यार से गले मिलना, कभी लड़ने के बाद एक ही बिस्तर पे एकदूसरे से मुँह पलट के कई दिनों तक रुठ के सोना, तो कभी प्यार से गले मिलकर सो जाना और उस वक़्त, इस रात  की कभी सुबह ही ना हो, ऐसा चाहना और ये सब कुछ मैंने महसूस किया आप के साथ इतने सालो में।  

आप से प्यार तो मैंने सब से ज़्यादा कीया, ऐसा तो मैं  कह नहीं सकती क्योंकि कभी किसी का प्यार कम या ज़्यादा नहीं होता, प्यार सिर्फ़ प्यार  होता  है, मैं  बस इतना कहूँगी, कि आपके लिए अगर मैं दुनिया छोड़ सकती हूँ, तो आपके लिए सारी दुनिया से लड़ भी सकती हूँ। 

      सिर्फ़ आपको पाना ही मेरे जीवन का मकसद नहीं, बल्कि आपको हर पल, हर हालात में, आपके सुख में, आप के दुःख में, आप की हर परेशानी में, आपकी हर कमी के साथ, आप की हर मर्ज़ी या नामर्जी के साथ, आप की उम्मीद बनके, आप के सपनों के साथ, आप जैसे भी हो,  सिर्फ़ आप से प्यार करते रहना, बस यही मेरी ज़िंदगी का मक़सद है।  

      आज भी मुझे याद है मेरी किसी भी सालगिरह पर या हमारी शादी की सालगिरह पर आप अपने काम की वजह से मेरे साथ नहीं होते, मगर इस बात पे भी मुझे कोई गिला-सिकवा नहीं, क्योंकि आप के साथ ना होते हुए भी हर पल आप मेरे साथ ही होते हो, मेरी यादों में, मेरी साँसों में, मेरी निंदाे में, मेरे ख़्वाबों में, मेरे ख़यालो में, आप मेरे दिल की हर धड़कन में, मेरी मुस्कान में, तो फ़िर आप मुझ से दूर कहाँ ?

 में जो थी, जो हूँ, जैसी भी हूँ, आप जो भी थे, जैसे भी है और जैसे भी हो, हमारा एक दूजे को हर हाल में प्यार करना, यही प्यार है।  

     अगर मैं ये सब आज लिख रही हूँ, तो अब भी ये कागज़  मैं हूँ और मेरी कलम आप हो, मेरे हर शब्द में आप ही हो, जिस पे में लिखे जा रही हूँ।

    ज़िंदगी शायद एक ना एक दिन तो  रुक ही  जाएगी, मगर  हमारा प्यार नहीं, जो हमने आप से कीया और आपने हम से,  मेरी नज़र से देखो, तो  बिना किसी शर्त और बिना किसी उम्मीद के,  बिना किसी ख़्वाइश के साथ किया जाए, वही सच्चा प्यार और वहीं प्यार हमने आप से किया।  



                                                               Bela...  

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