BHUKH

                           भूख़ 

         मुन्ना को गए हुए आज ६ महिने हो गए लेकिन आज भी जब भी मैं हमारी ऑफिस की खिड़की से बाहर देखती हूँ, तो मुझे मुन्ना मुस्कुराते हुए दिखाई देता है और जैसे मुझ से कहता है, की " मैं भी एक दिन आप की तरह बड़ा आदमी बनके दिखाऊंँगा और देखना आप से ही शादी करूँगा।"

       उसकी आवाज़ आज भी मेरे कानो में गूंँज रही है, उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा आज भी मेरी नज़रो से हटता नहीं और आज भी मेरा मन यही कहता है, की काश, की उन दिनो अगर मैं ज़रूरी काम से बाहर ना गई होती, तो शायद आज मुन्ना मेरे साथ होता।

            जी हाँ दोस्तों, मुझे आज भी वो दिन अच्छे से याद है, जब मैं ऑफिस का ज़रूरी काम ३ दिन के बाद ख़तम करके वापस ऑफिस पहुंँची, तब मैंने देखा, कि " हमारी ऑफिस के सामने जहाँ मुन्ना रोज़ बैठता था, वहांँ  कुछ लोगो की भीड़ जमी हुई थी, मैं भागती हुई पहले उधर गई, सबको हटाकर मैंने देखा, मुन्ना ज़मीन पर लेता हुआ था, उसके सिर से खून भी बह रहा था और उसका पिअक्कड़ बाप उसकी जेब में से रुपये निकाल रहा था, मैंने गुस्से से उसके बाप को धक्का लगाया। 

            फिर मैं  मुन्ने को उठाकर डॉक्टर के पास ले गई, और डॉक्टर ने मुन्ना को चेक करके बताया की आपने इसे यहाँ लाने में थोड़ी देर कर दी है, he is no more और लगता है, इसने २ दिन से कुछ खाया नहीं। ये सुनकर मेरे होश ही उड गए। डॉक्टर ने मुझ से पूछा की ये लड़का आपको कहा मिला ? और ये आप का क्या लगता है ?

       मैंने डॉक्टर से कहा, ये लड़का हमारी ऑफिस के सामने की ओर बैठकर रोज़ जुते पोलिश किया करता था। मैं उसे ऑफिस की खिड़की में से रोज़ देखा करती, शाम को उसका पिअक्कड़ बाप उसे मार के उसके पास से सारे पैसे छीन कर चला जाता, वह रोता रहता और वहीं रोते-रोते उस पत्थर पे सिर रखकर सो जाता, मुझे उस मासूम से चेहरे पे बड़ी दया आती। 

          इसलिए मैं रोज़ उसकेा बिस्किट्स, वड़ा-पाव और कभी-कभी सैंडविच दे देती, वो खुश होके खा लेता और मुझे thank you दीदी कहता। मुझे भी एक अपनापन सा लगता उससे, इसलिए मैं उसे मुन्ना कहकर बुलाती। मुन्ना बातों-बातों में मेरे जुते भी पोलिश कर लिया करता  और मुझ से पैसे भी नहीं लेता, मगर  ज़बरदस्ती मैं उसको पैसे दे ही देती, कहकर की  " अपनी मेहनत का पैसा कभी छोड़ना नहीं चाहिए। " और वो मुस्कुराता रहता। 

       " जो रिश्ते दिल से जुड़े होते है, उन रिश्तों का कोई नाम नहीं होता, मगर वह रिश्ता हमें उम्र भर याद ज़रूर रह जाता है। "

         तो दोस्तों, भूख क्या होती है ? और रोटी की कीमत क्या होती है ? ये एक गरीब के अलावा कोई नहीं जान सकता। जो एक रोटी के लिए पूरा दिन काम करते है और अगर वही रोटी उससे कोई छीन ले तो उस बच्चे की क्या हालत होती होगी, ये मैंने देखा है। 

                                                                   Bela...

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