MAA KI MAMTA

                     माँ की ममता

        रितेश ने आज ज़िद्द पकड़ के रखी थी, कि उसको विदेश पढ़ने जाना ही है। उसके पापा ने उसे बड़ा समझाया, कि देखो बेटा रितेश, तुम्हारे सिवा तेरी माँ और मेरा इस दुनिया में, है ही कौन ? तू ही तो हमारी दुनिया है और हमारे पास इतने पैसे भी नहीं, कि तुम को विदेश पढ़ने भेज सके। इसलिए ऐसी ज़िद्द छोड़ दे बेटा और यहाँ के ही किसी कॉलेज में अपना दाखिला करवा दे, हम जैसे तैसे करके भी यहाँ तेरी फीस जमा कर ही देंगे।  

      मगर आज रितेश सच में ज़िद्द पकड़ के बैठा था, कि  उसे पढ़ने के लिए विदेश जाना ही है। क्योंकि उसके सारे दोस्त भी विदेश पढ़ने जा रहे थे। रितेश ने कहा, कि फीस तो आपको यहाँ भी देनी ही होगी और अगर मैं वहांँ पढता हूँ, तो साथ में काम भी कर लूंँगा तो अपना वहाँ का ख़र्चा मैं खुद उठा लूँगा, आप पैसो की फ़िक्र मत कीजिए और अगर ज़्यादा पैसे बचे, तो आप को भी भेज दिया करूँगा। आप माँ को समझा दीजिए, कि रोना बंध करे और मुझे जाने की इजाज़त देदे। माँ हर छोटी से छोटी बात को लेकर रोया करती है, अब मैं उसका छोटा सा बच्चा नहीं रहा, अब मैं बड़ा हो गया हूँ और अब मैं उस के रोने से परेशान हो गया हूँ। Please अब आप ही उसको चूप करा दो। मेरी तो वो एक बात नहीं सुनती है। रितेश की ऐसी बात सुनकर उसकी माँ फ़िर से और भी ज़्यादा रोने लगी। 

        रितेश के पापा ने कहा, कि शायद तू सच ही कह रहा है, तेरी माँ सच में खामखा बात-बात पे रोया करती है। मैंने भी उसको समझाने की बहुत कोशिश की, मगर उसकी आँखो से आँसू बहते ही जाते है। मुझे आज भी याद है,  

        हमारी शादी के बाद शुरुआत में तेरी माँ को  महीने नहीं चढ़ रहे थे, तब लोगो की खरी-खोटी बात सुनकर, रात को चुपके से, तेरी माँ तब भी रोया करती थी,   

        फिर कुछ महीने बाद जब डॉक्टर ने कहा, कि वो माँ बननेवाली है, ख़ुशी से, तेरी माँ तब भी रोया करती थी, 

       तेरी माँ ने जिस दिन तुझे जन्म दिया था, तब दर्द में भी तेरी माँ मुस्कुराते हुए, उस दिन भी रोया करती थी। 

       तू जब पहली बार स्कूल जा रहा था, तब तूझ से पहली बार दूर होते हुए, तेरी माँ तब भी रोया करती थी, 

       तुझे डॉक्टर से पहली बार इंजेक्शन लगवाते वक़्त तू जब रोता था, और दर्द के मारे, तेरी माँ तब भी रोया करती थी,  

        तेरा शरीर जब बुखार से तप रहा था, तब तेरे सिर पे पूरी रात ठन्डे पानी का रुमाल रखते हुए, तेरी माँ तब भी रोया करती थी, 

        साइकल से गिरने के बाद चोट जब तुझे लगती थी, तब तेरा लहू देखकर, तेरे साथ-साथ, तेरी माँ तब भी रोया  करती थी, 

        जब स्कूल में पहला इनाम तुझे दिया जा रहा था, बिना किसी शर्म के, ख़ुर्शी पे खड़ी होकर सब से पहले ताली बजाते हुए, ख़ुशी से, तेरी माँ तब भी रोया करती थी, 

        रात को तेरे सोने के बाद तेरे सिर पे हाथ फ़ेरते हुए तेरा मासूम सा चेहरा देखकर, मन ही मन, मुस्कुराते हुए, तेरी माँ रोज़ रोया करती थी, 

      तुझे एक बार थप्पड़ लगाने के बाद, रात को अकेले में अपने हाथ को गरम पानी डुबोते हुए, अपने आप को सजा देते हुए, तेरी माँ तब भी रोया करती थी, 

      अनजाने में तूने कहे कितने शब्दों को माफ़ करके, वो रोइ थी, और भी ना जाने कितनी बार तेरी माँ तब भी रोया करती थी, 

      तेरी विदेश जाने की ज़िद्द को लेकर, आज कल १२ नहीं बल्कि २० घंटा सिलाई का काम करते हुए, तेरी माँ आज भी तेरे ही लिए रोया करती है, ये सोचकर, कि सुबह जब तुझे गरम कॉफ़ी नास्ते के साथ चाहिए, तो वो विदेश में तुझे कौन देगा ? ये सोचकर तेरे लिए, तेरी माँ आज भी रोया करती है,

     अगर वहांँ, तुझे कभी बुखार आ गया तो, रात को तेरे सिर पे ठन्डे पानी का रुमाल कौन रखेगा ? ये सोचकर तेरे लिए, आज भी तेरी माँ रोया करती है,

    अगर कभी, तुझे खाने में कोई चीज़ पसंद ना हो, तब तू उस दिन भूखा ही रहता है, यहाँ तो तेरी माँ सब बना के तुझे खिलाया करती है, अगर विदेश में कभी ऐसा हुआ, तब तू क्या करेगा ? ये सोचकर तेरे लिए आज भी तेरी माँ रोया करती है, 

       यहाँ तो तेरी हर छोटी से छोटी बात का ख़याल तेरी माँ ही रखती है, लेकिन वहाँ विदेश में तेरा कौन ख्याल रखेगा ? ये सोचकर तेरे लिए आज भी तेरी माँ रोया करती है। 

         मगर अब तू फिक्र मत कर, क्योंकि तेरे लिए जितने आँसू बहाने थे, तेरी माँ ने बहा लिए, अब तेरे विदेश जाने  के बाद तेरी माँ को अपने बारे में सोचने का वक़्त मिल जाएगा,  शायद वो अपने लिए ज़िंदगी जी लेगी, जो आज तक उस ने नहीं किया वो सब वो करेगी, इसलिए तू उसकी परवाह मत कर और तू अपने विदेश जाने की तैयारी शुरू कर दे, तेरी माँ को, अब मैं समझा दूँगा, कि जिस के लिए तूने इतने आँसू बहाए है, उन आंँसूओ को रोकने का वक़्त अब आ गया है, अब बस, अब और नहीं।        अपने पापा की ऐसी बात सुनकर रितेश की आँखों से भी आंँसू आने लगे और वो अपनी रोती हुई, माँ के आंँसू पोछते हुए, उस से माफ़ी मांँग के गले लग जाता है, और कहता है, की " माँ, अब मैं तुझे अकेला छोड़ के कहीं नहीं जाऊंँगा और तुझे कभी परेशान भी नहीं करूँगा और नाही कभी कोई ज़िद्द करूँगा और नाहीं तेरी आँखों में आँसू आने दूँगा। "

         माँ और बेटा दोनों गले लगकर रोने लगते है। 

     तो दोस्तों,आओ मिलकर आज हम भी ये वादा करे, जो हमारे लिए उम्रभर रोई है, जिसने उम्रभर हमारे लिए इतनी तकलीफ सही है, अब हम उनकी आँखों में नहीं आने देंगे कभी आँसू। 

                                                              Bela... 

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