एक वो वक़्त था
एक वो वक़्त था, जब मैं तुम्हें चुपके से देखा करता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं तुम्हारे पीछे बैठके तुम्हारे रेश्मी बालों को छू लिया करता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं तुझे एक नज़र देखने के लिए कैंटीन में तेरा इंतज़ार किया करता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं तेरा पीछा तेरे घर तक किया करता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं तेरे नाम रोज़ एक ख़त लिखा करता था, मगर उसे अपने ही हाथों से फाड़ दिया करता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं तेरी तस्वीर बनाया करता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं आंँखें बंद कर तेरा चेहरा देख लिया करता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं तेरे सामने आकर भी चुप रह जाता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं तुझे अपने दिल की बात बताना चाहता था, मगर वो बात अलग है, कि कभी बता ना सका,
एक वो वक़्त था, जब मैं तुझे रोज़ लाइब्रेरी में किताब की आड़ से पढ़ते हुए देखा करता था,
एक वो वक़्त था, जब मैं तेरे प्यार में अपने आप को भी भूल जाया करता था,
एक वो वक़्त था, अब जो तुम ना रही, वो वक़्त ना रहा, वो लम्हें ना रहे, मगर तेरे होने के एहसास से ही मैं हर पल जिया करता था,
एक वो वक़्त था, जब तुझे डोली में बैठ किसी ओर की होते हुए देख रहा था, और आज वो वक़्त है, तेरी अर्थी को देख तुझे खुदा की होते हुए देख रहा हूँ।
Bela...
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