SIKH

 :                              सीख  

       एक पिता अपनी जवान हो रही बेटी से कहता है, की बेटी मैं जानता हूँ, " मैं एक पिता हूँ और ये मेरा धर्म और फ़र्ज़ है, की मैं तुम्हें अच्छे से अच्छे संस्कार और तेरी अच्छे से अच्छी परवरिश करु, मगर आज मैं तुमको  अच्छे संस्कार के साथ - साथ कुछ ऐसी बातें भी बताना चाहता हूँ, जो शायद ही किसी पिता ने अपनी बेटी को सिखाई होगी। मैं कल रहु या ना रहूँ, मगर तुम मेरी ये बातें ज़रूर याद ऱखना और अगर तुम्हें ठीक लगे तो अपनी बेटी को भी ये बात ज़रूर सिखाना। " 

       तो सुनो बेटी, 

      मैं एक बाप हूँ, मगर फ़िर भी,

      मैं तुम्हें सिर्फ़ गुड़ियाँ के साथ खेलना ही नहीं, मगर असली ज़िंदगी में अपने और परायो के साथ कैसे रहना है, ये सिखाऊँगा, 

     मैं तुमको समाज की नज़रों से बचना नहीं, मगर समाज से नज़रे मिलाना सिखाऊँगा,

    मैं तुम्हारे हाथो में चूड़ियाँ नहीं बल्कि घड़ी पहनाऊँगा, जिससे की तुम वक़्त के साथ कदम, मिलाकर चल सको,

      मैं तुम्हें सिर्फ रंगोली बनाना ही नहीं, बल्कि सब के जीवन में रंग भरना भी सिखाऊँगा, 

     मैं तुमको सिर्फ़ घर चलाना ही नहीं, बल्कि कलम चलाना भी सिखाऊँगा, 

     मैं तुमको सिर्फ पढ़ना नहीं, बल्कि  टीचर बनके सब को ज़िंदगी का पाठ कैसे सीखाना है, ये सिखाऊँगा,

      में तुमको खाना बनाना ही नहीं, अपनी रक्षा के लिए  कराटे भी सिखाऊँगा,

       मैं तुम्हें सिर्फ सजना, सवारना नहीं, बल्कि अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना सिखाऊँगा,

     मैं  तुम्हें ग़लत के सामने चूप रहना नहीं, बल्कि  ग़लत के आगे, आवाज़ उठाना सिखाऊँगा,

      मैं  तुम्हें  सिर्फ सब्जियाँ काटना नहीं, बल्कि किताब लिखना भी  सिखाऊँगा, 

     मैं  तुम्हे किसी के भी सामने शरमाने को नहीं, बल्कि  लोगो से नज़रें मिलाकर बात करना सिखाऊंँगा,

     मैं  तुम्हें सिर्फ़ प्यार करना नहीं, बल्कि लोगो की इज़्ज़त करना भी सिखाऊँगा,

    मैं  तुम्हें कमज़ोर नहीं, बल्कि ताकतवर बनना  सिखाऊँगा,

     मैं तुम्हें आसान नहीं, बल्कि कठिन रास्तो पे भी चलना सिखाऊँगा,

     मैं तुम्हे सिर्फ चार दीवारों के बिच रहकर ज़िंदगी बिताना नहीं, बल्कि खुले आसमान में उड़ना सिखाऊँगा,

     मैं तुम्हे सिर्फ घरमें रहना नहीं, बल्कि घर के लोगो को एक साथ कैसे जुड़े रखना है ये भी सिखाऊँगा,

     तुम्हें किसी भी चीज़ के लिए किसी के पास हाथ फ़ैलाने की ज़रूरत न पड़े  इसलिए तुम्हें अपने पैरो पे खड़े रहना सिखाऊंँगा, 

       मैं तुम्हें ज़िंदगी में सब के साथ क़दम से क़दम मिलाकर चलना सिखाऊँगा।   



                                          Bela... 


       https://www.instagram.com/bela.puniwala/

      

       





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