मेरी सुबह भी तुम, मेरी शाम भी तुम,
मेरी शायरी भी तूम, मेरी गझल भी तूम,
मैं सोचु मेरे शब्द भी तुम,
मैं लिखू मेरी कलम भी तुम,
मेरे हाथों की मेहंदी भी तूम,
मैं गुनगुनाऊँ, मेरा गीत भी तूम,
मैं सजूँ, मेरा आईना भी तूम,
मैं हसुँ, मेरी मुस्कान भी तूम,
मैं नींद, मेरा सपना भी तूम,
मैं सोचूँ, मेरी कलम भी तूम,
मैं लिखुँ, मेरी कहानी भी तूम,
मेरी आवाज़ भी तूम, मेरा दर्द भी तुम,
मेरी ज़िंदगी तुमसे शुरू, तुम पे ही ख़तम।
Bela...
Comments
Post a Comment