ISHQ HUA

                          इश्क़ हुआ 

      एक दीवानी ने अपने दोस्त से पूछा, की तुम केहते हो, की " तुम को मुझ से इश़्क हुआ।" मगर इतने सालों की हमारी दोस्ती में, मुझे ऐसा कभी कुछ महसूस नहीं हुआ, की मुझे भी तुमसे इश्क़ हुआ हो। तो अब तुम ही बताओ, ये मुझे कब और कैसे पता चलेगा, की " हम को  भी तुम से इश्क़ हुआ ?"

      तब  उस दोस्त ने बताया की,

      " जब चोट मुझे लगे और उस दर्द का एहसास तुम्हें भी हो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ, 

       तुम्हारी पलक जपके और चेहरा मेरा नज़र आए, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

       रातो को पुराने गाने सुनते वक़्त, तुझे मेरी याद आए, की काश ! मैं तेरे पास होता, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

       मुझ से मिलने के लिए, तुम कोई बहाना ढूँढती रहो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

      सुबह की नींद खुलते ही, सब से पहले तुम्हारी आँखो के सामने मेरा चेहरा नज़र आऐ, तब  समझ लेना तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

         तुम किसी दर्द से गुज़र रही हो और रोने के लिए तुम्हें सिर्फ मेरा ही कंधा याद आए, तब समझ लेना तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,  

       मैं तेरे घर पे आकर दरवाज़ा खटखटाऊ, उस से पहले ही तुम मेरे लिए दरवाज़ा खोल दो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

       मुझे कोई बुरा-भला कहे और बुरा तुम को लगे, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

       मुझे कोई तिरछी नज़र से देखे, और दिल तेरा जले, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

          मैं अकेले में किसी और लड़की से बात करू और ये तुम बर्दाश्त ना कर सको, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

         एक दिन भी मेरे ना दिखने पर तुम्हारी नज़रे मुझे हर तरफ़ ढूंँढती रहे, तब समझ लेना, तुमको मुझ से इश्क़ हुआ,

       जब ऑफिस में तुम्हारी सामनेवाली कुर्सी पे मेरे ना होने पर भी तुझे मेरे होने का एहसास हो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ, 

      जब अकेले में तुम अपने आप से ही मेरी बातें करने लगो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

      जब ऑफिस में कॉफ़ी के टेबल पे, मेरा कॉफ़ी का मग देखते हुए, तुम मुझे मिस करो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ, 

      तुम्हारी मनपसंद पानी-पूरी खाते वक़्त, दो पल के लिए तुझे मेरी याद आ जाए और तुम अकेले-अकेले वो खा ना सको, तब समझ लेना, तुमको मुझसे इश्क़ हुआ,

      तुम्हारे बुलाने पर कभी, मैं वक़्त पे ना आ सकू और उस बात पे गुस्सा तुम को आए, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ, 

       मेरी किसी बात पे नाराज़ तुम हो और मेरे मनाने का इंतज़ार तुम को हो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,  

       जब तुम किसी से बात करो तो तुम्हारी हर बातों में  मेरा ही जिक्र हो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

       मेरे दिल की बात, बिना मेरे बताए तुझे सुनाई दे, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

      मेरे बिना गुज़ारा एक दिन भी तुम्हें एक साल जितना बड़ा लगे, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

     अकेले में मेरी बातें याद कर मन ही मन तुम मुस्कुराया करो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

       मुझ से मिलने के लिए कड़कती  धूप और तेज़  बारिश में बिना अपनी परवाह किए चैाराहे पे मेरा इंतज़ार करो, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ, 

      मेरी आँखों के आँसु जब तेरी आँखों से बहने लगे, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ,

        मेरी याद आने पे आँसू तुम्हारी आँखों से निकले, तब समझ लेना, तुम को मुझ से इश्क़ हुआ।


                                                         
  Bela... 

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