बुद्धु सा मन
सुबह की पहली किरण के साथ खिड़की पे, काश ! कि वो नज़र आ जाए, ये सोच उस की खिड़की के सामने तेज़ बारिश में भी पूरी रात हमने युँ ही गुज़ार दी।
" कितना बुद्धु सा है मन मेरा,"
फ़िर ख़याल आया, कि उसकी फोटो तो मेरे मोबाइल में पहले से है, चाहता तो पूरी रात उसकी तस्वीर देखता रहता, ख़ामख़ा ही हमने पूरी रात इतनी बारिश में युँ ही गुज़ार दी,
" कितना बुद्धु सा है मन मेरा।"🙆😂😕
Bela...
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