नाराज़
में जानती हूँ की आप हमसे नाराज़ हो,
में जानती हूँ की आप हमसे नाराज़ हो,
अच्छा, चलो माना की
हम से गलती हुई होगी, और
अगर कभी हम से गलती से भी गलती हो जाए,
तो हमें माफ़ कर दिया करो,
मगर कभी भी हम से यु बेवजह नाराज़ मत रहा करो,
हम सिर्फ एक इंसान है,
और गलतियांँ इंसानो से ही तो होती है,
नादाँ समज कर हमें माफ़ किया करो,
आप के लिए हम ने सारा जग छोड़ा,
और अगर आप हम से ही रूठे रहेंगे,
तो आप ही बताओ,
हम ऐसे भला कैसे जी पाएँगे ?
माना की आपको मनाना आसान नहीं,
माना की आपको मनाना आसान नहीं, मगर
हमें पता है, हम से ज़्यादा दिन रूठे रहो,
ये आपके लिए भी आसान नहीं,
तो फिर क्यूँ बार बार हम से यूँ नाराज़ होते हो,
अगर मानो किसी दिन हम ही आप से रूठ गए ना,
तो हमें मनाना भी आपके लिए आसान नहीं होगा।
Bela...
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