क्योंकि
राजनीती मेरी समज में नहीं आती, क्योंकि
बेईमानी मेरी फ़ितरत में नहीं,
गणित मेरी समज में नहीं आती, क्योंकि
ज़िंदगी का हिसाब मेरा पक्का है,
साइकोलॉजी मेरी समज में नहीं आती, क्योंकि
सब के मन की बात मैं पढ़ सकती हूँ,
फिजिक्स मेरी समज में आती नहीं, क्योंकि
सब के दिल के तार मैं जोड़ के रख सकती हूँ,
लोगों की बातें मेरी समज में नहीं आती, क्योंकि
मैं दिमाग से नहीं दिल से सोचती हूँ,
लड़के मेरी समज में नहीं आते, क्योंकि
लड़के बोलते पहले है और सोचते बाद में है,
दिल की बातें मेरी समज में नहीं आती क्योंकि
उम्र अभी भी मेरी थोड़ी कच्ची है।
I also write something but do not get any good platform
ReplyDeleteमै इंसान मे इंसानियत चाहता हूँ
ReplyDeleteलोगों मे खुश रहकर खुशिया बाटना चाहता हूँ
कुछ सिखना हैं मुझे किसी को सिखाना चाहता हूँ
लेखक बनना हैं मुझे लेखक की सलाह चाहता हूँ
कुछ लिखा है मैंने किसी को सुनाना चाहता हूँ
इसीलिए आपको किसी तरह दिखाना चाहता हूँ
आपको पसंद आया के नही समझना चाहता हूँ
किसीसे तारीफ़ तो किससे शिकायत सुनना चाहता हूँ
मैं क्या चाहता हूँ
Very good thoughts.
ReplyDeleteJust publish your post on blog and fb..