भाई - बहन

 मुझे आज भी याद है, 

बचपन में मुझे झूले में  झुलाना, रातो को अगर मुझे नींद ना आए तो गाना  गा के मुझे सुलाना, मेरी चोटी खींच के मेरे पीछे पीछे भागना, मुझे बिल्ली कहकर  बार - बार चिढ़ाते रहना, कभी मैं रोऊँ, तो मुझे हँसाना, कभी मैं रुठु तो मुझे मनाना, मुझे माँ की डांट और पापा की मार से बचाने के लिए खुद पापा से मार खाना, ये कहकर की " गलती दीदी की नहीं हमारी है "  मेरे लिए tution में  teacher से भी लड़ जाना, चुपके से मेरा homework  भी कर देना,  मुझे cycle चलाना सिखाना, अगर मैं गिर जाऊ तो मुझे संभालना, मेरी हर गलती पापा से छुपाना, मेरी हर गलती पे मुझे माफ़ कर देना और " ज़िंदगी में सही और गलत का फ़र्क  मुझे समझाना"

       मेरे जन्मदिन पर हर साल कुछ ना कुछ surprise मेरे लिए ज़रूर रहता ही है, भाभी को पसंद हो या नापसंद मेरी favourite  केक और पानीपुरी मुझे मिल ही जाती है, मेरे जन्मदिन पर party ना हो ऐसा कभी नहीं हो सकता। 

       मेरे shoe  की लैस भी बांँध देना, मेरी हर बात को गौर से सुनना, मेरी किसी भी बात का बुरा नहीं मानना, मुझे पढ़ाना, लिखाना, exam में रातो को मेरे संग जागना, अगर मुझे exam में  कुछ  ना आए तो फिर से मुझे वह lesson सिखाना, मेरे लिए अपने दोस्तों से भी भीड़ जाना, मम्मी और पापा से छूप -छूप के  मुझे आइस-क्रीम खिलाना, मेरी बीमारी में मुझे समजा - बुजा के दवाई पीला देना, मुझे college में पढ़ने भेजनें  के लिए पापा को मनाना, पापा को किसी भी तरह पटा  कर मेरी college जाने की permission पापा से दिलाना, मेरी शादी के लिए लड़का भी खुद पसंद करने जाना, मेरे लिए भाभी के साथ में नौकझौंक में पड़ जाना, लेकिन हर बार साथ मेरा ही देना ।

        मेरी शादी में मेरे जाने के बाद चुपके से अकेले में रोना,  मेरी शादी के बाद भी मेरी हर मुसीबत में मेरे साथ खड़े रहना, भला  कैसे मैं भूल सकती हूँ  ऐसा  प्यार और ऐसा  मेरा बचपन ? काश कोई मुझे लौटा दे फिर से मेरा बचपन ! 

की मुझे फिर से मेरे भैया झुला झुलाए, गाना गाके मुझे सुलाए, मेरे पीछे पीछे भागे, मुझे चिढ़ाए, मुझे पढाए, मेरे लिए मम्मी, पापा, दोस्त, टीचर सब से भीड़ जाए, काश ! की मुझे कोई लौटा दे मेरा बचपन। 

बस इस से आगे अब मुझे और क्या चाहिए ? मुझे ज़िंदगी में अच्छा बनने का पाठ  सिखाया, नहीं सिखाया तो बस किसी से झूठ बोलना, किसी से लड़ना, झगड़ना, और बिना मतलब किसी से अपना हक़ मांँगना। 

राखी तो सिर्फ एक बहाना है, दिल से रोज़ मांँगती हूँ आप दोनों के  लिए दुआ, आप दोनों  जहाँ भी रहे, रहे हर पल सलामत, आप  दोनों दिन दुगनी, रात चौगुनी तरक्की करे, आप पर कभी मुसीबतों का साया भी ना आ पाए, 

" मेरी दुवाओ में,

 असर इतना रहे, की 

  मेरे भाई का आँगन,

 हमेंशा ख़ुशियों से भरा रहे। " 

Dedicated to my beloved brothers, 

Rakesh ajmeri 

Hiren ajmeri 

                                                         Bela...  

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