औरत का आत्मसम्मान
शादी के 15 साल बाद आज सुनीता के पति विशालने बातों ही बातों में किसी बात से नाराज़ होकर सब के सामने कहा, कि " तूने आज तक किया ही क्या है ? सिर्फ घर पे खाना बनाना और बच्चों को संभालना और वैसे भी आज कल बच्चें भी तुम्हारी बात कहाँ सुनते हैं ? वो अपने मन की ही तो करते हैं, इतने सालों में तूने उनको कुछ नहीं सिखाया, तभी इतने बिगड़ गए है दोनों बच्चे।"
अपने पति की ऐसी बात सुनकर आज पूरी रात सुनीता को नींद नहीं आई। सुनीता सोचती रही, रोती रही, कि " सच में मैंने आज तक किया ही क्या है ? अगर मैंने आज तक इस घर के लिए सच में कुछ नहीं किया, तो अब मेरा यहाँ रेहने का कोई मतलब नहीं है, कहाँ जाना है पता नहीं, मगर बस अब और नहीं। " ये सोचते हुए,
सुनीता ने अपने पति विशाल को एक चिठ्ठी लिखी, उसमें उसने लिखा था, कि
" मैंने आज पूरी रात सोचा, कि तुम शायद सही कह रहे थे। आज तक मैंने किया ही क्या है ? कौन हूँ में ? मेरी पहचान क्या है ? में चाहती थी, आसमान में उड़ना, मगर उडने से पेहले ही मेरे पंख काट दिए गए। सपना देखने से पहले ही सपना तोड़ दिया गया। बाबा ने कहा, "शादी की उम्र बीती जा रही है, मुझसे पूछे बिना ही मेरी शादी करवा दी गई। बाबा का तो मानो, बहुत बड़ा बोझ उतर गया। ससुराल में मेरे लिए हर कोई अजनबी सा था। मगर माँ ने सिखाया था, कि " अब यही तुम्हारी दुनिया है, यही तेरे अपने। अब से इन सबको ही तुम अपने माँ, बाबा और भाई, बहन समझना। पति तेरे लिए परमेश्वर है, इनकी कही कोई बात को मत टालना, सब को प्यार देकर अपना बना लेना।" माँ की बात मान के मैंने सबको अपना बनाया। मुझे क्या पसंद था और क्या नापसंद, इसके बारे में शादी के बाद मैंने कभी सोचा ही नहीं।
सुबह को आपकी कॉफ़ी और नास्ता, बच्चों का लंच बॉक्स, बाबा की डायबिटीस की अलग से दवाई, नास्ता, माँ के घुटनो की तेल मालिश, आपका टिफ़िन, मार्केट जाना, शाम की खाने की तैयारी करना, माँ को इलाज के लिए बार बार अस्पताल ले जाना, बच्चों को पढ़ाना, उनकी शैतानी बर्दाश्त करना, आपके दोस्त मेहमान बनकर अचानक से आए तो उनके लिए खाना बनाना। बस इतना ही तो किया मैंने ! और तो क्या किया ? इस लिए अब मुझे कुछ ओर करना है। अब मैं जा रही हूँ, ये तो नहीं जानती कहा ? मगर मुझे जाना है, पर तुम अपना ख्याल रखना।"
फिर सुनीता वो चिठ्ठी टेबल पे रख कर चुपचाप वहांँ से चली गई।
औरत को बस, अगर आप थोड़ा सा प्यार, थोड़ा सा सम्मान और थोड़ी सी ख़ुशी देदे, तो वो अपनी पूरी ज़िंदगी आपके नाम कर दे। आख़िर औरत ऐसी ही होती है।
Bela...
https://belablogs2021.blogspot.com/2021/11/blog-post_69.html
https://www.instagram.com/bela.puniwala/

Sahi
ReplyDelete