एक भूली बिसरी दास्ताँ,

                             एक भूली बिसरी दास्ताँ 

           मेरी ही लिखी हुई सब से पहली और आखरी किताब जो बहुत सालो बाद में पढ़ रहा था, तो उस में से एक ख़त मिला, उसे देखते ही जो बाते, वादे, कस्मे हम छोड़ आऐ थे, बहुत पीछे, वह आज अचानक से हमारे सामने फिर से वह पुरानी यादें आने लगी, कि जैसे 

एक दीवाना अपनी दीवानी से कहता है,

        " पहले तूने मुझ से दोस्ती की, फिर दोस्ती के बहाने प्यार किया, 
ज़िंदगी में हर पल साथ निभाने की और साथ चलने की महोब्बत की कस्मे हम दोनों ने मिल के खाई। में दीवानो सा बना तेरे पीछे, तेरी याद में रातों को जगना, सुबह होते ही तेरे एक दीदार के लिए अपनी साइकिल पे सबसे पहले  कॉलेज पहुँच के तेरा इंतज़ार करना, तुझे छुप-छुप के देखना, तेरी एक झलक देखने को पूरी रात तेरी खिड़की के सामने बारिश में भीगना, मुझे अब भी याद है, सारे जहाँ की खुशियाँ मैंने तुम पे लुटाई और 

         अब तुम चाहती हो की में तुझे भूल जाऊ, और तेरी ही सहेली से शादी कर लू, कयोंकि तेरी सहेली मुझ से प्यार करती है और उसे पता नहीं, कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है, तू ये बात उसे बता नहीं सकती, कयोंकि तेरी सहेली का तुझ पे बहुत बड़ा एहसान है और ये एहसान तू मुझ से किया हुआ वादा तोड़ के निभाओगी। मुझ से पूछे बिना तूने मेरी शादी उस से करने का, ये कैसा वादा मुझ से मांँग लिया ? तू अगर मांँगती, तो तेरे लिए में अपनी जान तक देदू, मगर तूने तो मेरी सांँसो का ही सोदा कर दिया, वह भी मुझ से पूछे बिना। वाह रे तेरी दोस्ती, अपनी दोस्ती की ख़ातिर तूने अपने प्यार को ही दाव पे लगा दिया। वाह रे तेरी दोस्ती !

          मुझे किसी और का होते हुए क्या तू मुझे देख पाएगी ? या तूने प्यार भी मुझ से इसी लिए किया था और मुझ से वादा लिया था, कि एक दिन तुम जो मांँगोगी में तुझे दूंँगा। मुझे नहीं पता था की तुम वादे में मुझ से मेरी सांँसे ही मांँग लोगी। अब तो हमें भरोसा रहा नहीं तुझ पे और तेरे झूठे प्यार और वादे पे। मुझे अब कुछ नहीं सुनना है तुमसे, तुम चली जाव यहाँ से। 

 समझ लेना एक दीवाने ने, प्यार में तेरे, अपनी सांँसे तुझ पे कुर्बान कर दी।  जाव जाकर कह दो अपनी सहेली से, कि में शादी के लिए तैयार हूँ।  तू भले अपना किया वादा तोड़ दे, मगर में अपना किया वादा नहीं तोडूँगा। मगर तुझे कभी भूल से भी हमारी याद आए, तो समझ लेना, कि एक दीवाना था, जिसने तूझ से बेपनाह मोहब्बत की थी और अपनी साँसे तेरे नाम की थी। 



         जाते जाते वह कुछ ना बोली, बस एक चिठ्ठी हमारे हाथों में छोड़ के रोते हुए वह चली गई। जिस में लिखा था, 

" छोड़ चले तुम हमको, 
हम छोड़ चले है तुमको,
इज़हार किया था हमने, 
इकरार किया था तुमने,
हालत हुए कुछ ऐसे, 
निभा ना सके कसमों को,
अब फ़िर से चलो हम, 
एक वादा करे  तुमसे,
अगले जनम में मिलना, 
तुम अगले जनम में मिलना,
इंतज़ार करेंगे तेरा,
वादा जो किया है तुमसे,
कस्मे वो निभाएंँगे, 
जो तुज संग किये थे मैंने,
सपने वो पुरे करेंगे,
जो मिलकर देखे थे हमने,
छोड़ चले तुम हमको, 
हम छोड़ चले है तुम को।"

         तो दोस्तों, ज़िंदगी में सिर्फ प्यार पाना और प्यार करना ही सब कुछ नहीं होता। कभी-कभी किसी और की ख़ुशी के लिए हमें अपने प्यार को छोड़ने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। कयोंकि असली ख़ुशी प्यार पाने में नहीं, बल्की प्यार देने में है। असली ख़ुशी किसी की आँखों में आँसू नहीं बल्की किसी के होंठों पे मुस्कान देने में है। 

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                                                                  Bela...















 

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