शब्द

                                शब्द

         शब्द जो हर इंसान की सबसे बड़ी दौलत है, आपके शब्द ही आपकी सही  पेहचान है,  शब्द जो किसी की दुनिया बना भी सकते है और किसी की दुनिया बिगाड़ भी सकते है, सही समय पर सही तरीके से बोले हुए  शब्द ही सही शब्द होते है, शब्द आपको एक ही पल में ऊपर भी उठा देते  है, और एक ही पल में निचे भी गिरा सकते  है, जैसे की एक नेता का भाषण, 

          अगर जो उस नेता या लीडर ने अपने सही शब्दों का  इस्तेमाल कर सही तरीके से अपना भाषण दिया, तो ज़रूर लोग उस से आकर्षित होके  वॉट उसे दे ही देंगे।  

           स्कूल और कॉलेज  में अगर टीचर सही शब्दों का इस्तेमाल करके अपना लेक्चर दे, तो बच्चे एक नहीं दो घंटे तक उनका लेक्चर अटेंड करेंगे, आपको अगर किसी को अपनी ओर करना हो तो आपको सिर्फ अपने सही शब्दों का इस्तेमाल  सही समय पर करना आना चाहिए। इसलिए कहते है, की शब्द को हमेशा नाप तोल के ही इस्तेमाल करने चाहिए, गलत जगह पर गलत तरीके से इस्तेमाल किए जानेवाले  शब्द का कोई मोल नहीं होता, तलवार की तेज़ धार हो,अर्जुन का बाण हो या आपके शब्द, एक बार चल जाने के बाद वापिस नहीं आ सकते। 

           अपने शब्दों को अपने अंदर कभी दबाए नहीं रखना चाहिए, अपने मन की बात  बता देनी चाहिए, जिसे आप बताना चाहते हो, वर्ना आपके अंदर उठे शब्द आप के अंदर ही एक दिन घुट घुट कर मर जाएँगे, उसके साथ आपका जीवन भी उन्ही शब्दों के साथ आप के अंदर घुटता रह जाएगा। दिल की बात दिल में मत रखो, सही समय देख कर सही तरीके से अपनी बात बता दो, मगर  कौन सी परिस्थिति में तुम किस से क्या कहते हो, ये तुम पर निर्भर  करता है, किसी से अपनी बात मनवानी भी हो तो भी अगर आप प्यार से सही शब्दों का इस्तेमाल कर उसे मनाते हो तो वह आपकी बात मान ही जाएगा। अगर आपका किसी के साथ झगड़ा हुआ हो या आप को गुस्सा आ रहा हो तब आप हो सके तो बिलकुल चुप रहना पसंद कीजिए, क्यूंँकि गुस्से में बोले गए शब्द कभी सही नहीं हो सकते।  उस वक़्त आपका चुप रहना ही आपके लिए बेहतर रहेगा। 

शब्द कई तरह के हो सकते है, प्यार से बोले गए शब्द, गुस्से से बोले गए शब्द। शब्द किसी को अपना भी  बना सकता  है, और किसी को पराया भी कर सकते है। आपके शब्द किसी को हँसा सकते है तो किसी को रुला भी सकते है, शब्द किसी की ज़िंदगी सवार सकते है, तो किसी की  ज़िंदगी बिगाड़ भी सकते है। शब्द टूटे  हुए रिश्तों को जोड़ भी सकते है, और रिश्तों को तोड़ भी सकते है, शब्दों में इतनी ताकत है। शब्द रुठे को मना भी सकते है और किसी को रुठ जाने पे मजबूर भी कर सकते है। 

          अगर कभी कुछ भी समज ना आए तो तुम सिर्फ चुप रहो, क्यूंँकि नासमझी में बोले गए  शब्द सिर्फ तबाही ला सकते है, आपके शब्दों में इतना मिठास भर दो, की अपने तो क्या दुश्मन भी आपके शब्दों को सुनकर अपनी दुश्मनी भूल के दोस्त बन जाए।  

           तो दोस्तों, अगर आपको अपनी ज़िंदगी में सब को अपना बनाना है, तो बस अपने शब्दों को सही जगह पर, सही तरीके से इस्तेमाल करना सिख लो। हर कोई आपकी बात मानेगा,  दुनिया आपकी होगी। 

                                                                                         Bela...

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Comments

  1. भर जाते हैं बंदूकों के घाव पर शब्दों के घाव कभी नहीं भरते
    कड़वे शब्द हमेशा चुभते पर मीठे भाव हमेशा घात ही करते

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