थप्पड़ की गुंँज


           थप्पड़ की गुंँज 

     हम सब यार कॉलेज  के बाहर  बाइक पे बैठ के मस्ती कर रहे थे। सामने से होठों पे प्यारी सी मुस्कान, काले घने लम्बे़ लहराते बाल, पलकों पे कई ख़्वाब, कातिल अदाएंँ, हाथो में किताब, लेकर हमारे सामने से वो हसीना  गुज़र रही थी। उस वक़्त मुझे थोड़ी मस्ती चढ़ी। मेंने उससे  आवाज़ लगा के पूछा, जाते जाते ज़रा अपना नाम तो बताती जाओ, ऐ हसीना ! मेरी आवाज़ सुनते ही पेहले तो वो रुकी, पीछे मुड के ज़रा सा मुस्कराई, मेरे करीब आके थोड़ा सा शरमाई। ( मेंने  सोचा लड़की फसी ) फिर  बड़ी ज़ोर से एक थप्पड़ मेरे गालो पे पड़ी और वो बोली, हसीना नहीं, शक्ति नाम है मेरा, याद  रखना और वो चली गई। मगर उस थप्पड़ की गुंँज मुझे आज तक  सुनाई दे रही है। उस  दिन के बाद मेंने कभी किसी लड़की का नाम नहीं पूछा !😓😓😰😰😭😭
                                                       Bela...

Comments