बदलता वक़्त

                            बदलता वक़्त 

माना की अब वक़्त बदल चूका है, लड़की को भी अब लड़के के समान माना जाता है, लड़की को अब पढ़ाया, लिखाया जाता है, उसे अपने पैरो पर चलना सिखाया जाता है, ताकि उसे कभी भी किसी के भी सहारे की ज़रुरत ना पड़े। अपना निर्णय वो खुद ले सके, क्या और कौन, अच्छा और बुरा, वो ख़ुद समज सके। मगर आज भी कुछ लोग ऐसे भी है, जो  अब तक लड़की को वही पुरानी सिख देते रेहते है। बस ऐसे ही लोगो की सोच को बदलना है। इसलिए जहाँ तक हो सके मैसेज शेयर करो, कही कोई लड़की किसी घर में अब भी  इन बंधनो से बंधी हुई हो तो उसे बहार लाना है,सबकी ऑंखें खोलनी है, अगर लड़की चाहे तो  ज़िंदगी में  बहोत कुछ है करने को कर सकती है, खुला आसमान है, उसके सामने, सिर्फ पंख को फैलाने की ज़रूरत है, उड़ने दो उसे भी खुले आसमान में और जी लेने दो अपनी ज़िंदगी।  

                                                                  Bela... 

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